Namaz mein Attahiyat ke baad ki dua | नमाज में अत्तहिय्यात के बाद की दुआ | सारी दुआऐं

 अस्सलामुअलैकुम मेरे भाईयों और बहनों उम्मीद करता हूँ सब खैरियत से होंगे आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की नमाज में आखरी अत्तहिय्यात और दरूदे इब्राहिम के बाद कौन-कौन सी दुआएं पढ़ी जाती हैं।


नमाज में अत्तहिय्यात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ


    1. कब्र का अजाब, जिंदगी, मौत और दज्जाल की आजमाइश से हिफाजत की दुआ

    attahiyat ke baad ki dua, qabar ka azab ki dua, dajjal ke fitne ki dua

    अरबी-

    اللّٰهُــمَّ إِنِّيْ أَعُوْذُ بِكَ مِنْ عَذَابِ الْقَبْرِ، وَمِنْ عَذَابِ جَهَنَّمَ، وَمِنْ فِتْنَةِ الْمَحْيَا وَالْمَمَاتِ، وَمِنْ شَرِّ فِتْنَةِ الْمَسِيْحِ الدَّجَّالِ 

    अल्लाहुम्मा इन्नी अऊजु-बिका मिन अजाबिल-कब्री, व मिन अजाबि-जहन्नम, व मिन फितनतिल-महया वल-ममात, व मिन शर्रि फितनतिल मसीहीद-दज्जाल।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह मै तेरी पनाह माँगता हूंँ कब्र के आजाब से, दोजख(जहन्नम) के अजाब से, जिंदगी और मौत की आजमाइश से और मसीह दज्जाल के फितने से।



    2. कब्र का अजाब, जिंदगी, मौत और दज्जाल की आजमाइश, गुनाह और कर्ज से हिफाजत की दुआ


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَعُوْذُ بِكَ مِنْ عَذَابِ الْقَبْرِ، وَأَعُوْذُ بِكَ مِنْ فِتْنَةِ الْمَسِيْحِ الدَّجَّالِ، وَأَعُوْذُ بِكَ مِنْ فِتْنَةِ الْمَحْـيَا وَالْمَمَاتِ . اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَعُوْذُ بِكَ مِنَ الْمَأْثَمِ وَالْمَغْرَمِ 

    अल्लाहुम्मा 'इन्नी' अऊजु बिका मिन 'अजाबिल-क़बरी, व' अऊजु बिका मिन फ़ितनतिल-मसीहिद-दज्जाल, व अऊजु बिका मिन फ़ितनतिल-महया वल-ममात। अल्लाहुम्मा 'इन्नी' अऊजु बिका मिनल-मा'समी वल-मगरमी।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह मैं कब्र के आजाब से, मसीह दज्जाल की आजमाइश से और जिंदगी और मौत की आजमाइश से तेरी पनाह मांँगता हूंँ। ऐ अल्लाह मैं तेरी पनाह मांँगता हूंँ गुनाह से और कर्ज से।



    3. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ | दुआ ए मासुरा

    dua e masura in hindi, dua masura, durood ke baad ki dua


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ ظَلَمْتُ نَفْسِيْ ظُلْمْاً كَثِيْراً، وَلاَ يَغْفِرُ الذُّنُوْبَ إِلاَّ أَنْتَ، فَاغْفِرْ لِيْ مَغْفِرَةً مِنْ عِنْدِكَ وَارْحَمْنِي، إِنَّكَ أَنْتَ الغَفُوْرُ الرَّحِيْمُ

    अल्लाहुम्मा 'इन्नी ज़लमतु नफ़सी ज़ुल्मन कसीरन, वला यग-फ़िरुज़-ज़ुनूबा' इल्ला 'अन्ता, फ़गफ़िर ली मगफ़िरतम मिन' इन्दिका वरहम्नी 'इन्नका' अन्तल-गफूरुर्रहीम।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, मैंने खुद पर बहुत ज़ुल्म किया है और तेरे सिवा कोई गुनाहों को माफ नहीं करता। तू मुझे बख्श दे और मुझ पर रहम कर। बेशक तू बड़ा बख्शने वाला बड़ा मेहरबान है। 



    4. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ اغْفِرْ لِيْ مَا قَدَّمْتُ، وَمَا أَخَّرْتُ، وَمَا أَسْرَرْتُ، وَمَا أَعْلَنْتُ، وَمَا أَسْرَفْتُ، وَمَا أَنْتَ أَعْلَمُ بِهِ مِنِّي، أَنْتَ الْمُقَدِّمُ، وَأَنْتَ الْمُؤَخِّرُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ 

    अल्लाहुम-मग़फिर ली मा कद्दमतु, व मा अख़ख़र्तु, व मा असररतु, व मा आलन्तु, व मा असरफ़तु, व मा अन्ता  आलमु बिहि मिन्नी। अन्तल-मुकद्दिमु, व अंतल-मु'अख्खिरु ला 'इलाहा इल्ला अंता।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, जो कुछ मैंने अपने आगे भेजा है और जो मैंने अपने पीछे छोड़ दिया है, जो मैंने छुपाया है और जो मैंने खुले तौर पर किया है, और जिसमें में हद से आगे बढ़ गया हूंँ, और जो भी आप मेरे बारे में जानते हैं, उसे माफ कर दो।  आप ही हैं जो आगे भेजते हैं और आप ही हैं जो पीछे छोड़ देते हैं।  आपके सिवा और कोई इबादत के लायक नहीं।



    5. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ

    attahiyat ke baad ki dua, wa husni ibadatika


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ أَعِنِّيْ عَلَى ذِكْرِكَ، وَشُكْرِكَ، وَحُسْنِ عِبَادَتِكَ 

    अल्लाहुम्मा अइन्नी अला ज़िक्रिका व शुक्रिका, व हुस्नी इबादतिका।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह मेरी मदद फरमा कि मैं तेरा जिक्र(याद) करूं, तेरा शुक्रिया अदा करूं और तेरी इबादत को बेहतरीन तरीके से अंजाम दूंँ।


    6. कंजूसी, बुज़दिली, बुढ़ापा और आजमाइशों से हिफाजत की दुआ

    allahumma inni a uzu bika, attahiyat ke baad ki dua


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَعُوْذُ بِكَ مِنَ الْبُخْلِ، وَأَعُوْذُ بِكَ مِنَ الْجُبْنِ، وَأَعُوْذُ بِكَ مِنْ أَنْ أُرَدَّ إِلَى أَرْذَلِ الْعُمُرِ، وَأَعُوْذُ بِكَ مِنْ فِتْنَةِ الدُّنْيَا وَعَذَابِ الْقَبْرِ 

    अल्लाहुम्मा 'इन्नी' अ'ऊज़ु बिका मिनल-बुखली, व अ'ऊज़ु बिका मिनल-जुबनी, व अ'ऊज़ु बिका मिन' अन 'उरद्दा इला अर्ज़लिल-उमुरी, व अ'ऊज़ु बिका मिन फितनतिद-दुनिया व 'अज़ाबिल-क़ब्री'।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, मैं कंजूसी से तेरी पनाह चाहता हूंँ, मैं बुज़दिली से तेरी पनाह चाहता हूंँ और कमजोर बुढ़ापे में वापस लौटने से तेरी पनाह चाहता हूंँ और मैं दुनिया की आजमाइशों और कब्र के आजाब से तेरी पनाह चाहता हूंँ।



    7. जन्नत की मांग और जहन्नम से पनाह की दुआ

    allahumma ajirni minan naar, attahiyat ke baad ki dua


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ الْجَنَّةَ وَأَعُوْذُ بِكَ مِنَ النَّارِ 

    अल्लाहुम्मा इन्नी अस-अलुकल-जन्नता व अऊज़ु बिका मिनन-नार।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, मैं आपसे आपकी जन्नत मांँगता हूंँ और जहन्नम से आपकी पनाह चाहता हूंँ।



    8. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ بِعِلْمِكَ الغَيْبَ وَقُدْرَتِكَ عَلَى الْخَلْقِ أَحْيِنِيْ مَا عَلِمْتَ الْحَيَاةَ خَيْراً لِي، وَتَوَفَّنِيْ إِذَا عَلِمْتَ الْوَفَاةَ خَيْراً لِي، اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ خَشْيَتَكَ فِيْ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ 

    وَأَسْأَلُكَ كَلِمَةَ الْحَقِّ فِيْ الرِّضَا وَالْغَضَبِ، وَأَسْأَلُكَ الْقَصْدَ فِيْ الْغِنَى وَالْفَقْرِ، وَأَسْأَلُكَ نَعِيْماً لاَ يَنْفَدُ، وَأَسْأَلُكَ قُرَّةَ عَيْنٍ لاَ تَنْقَطِعُ، وَأَسْأَلُكَ الرِّضَا بَعْدَ الْقَضَاءِ 

    وَأَسْــــأَلُكَ بَرْدَ الْعَيْشِ بَعْدَ الْمَوْتِ، وَأَسْأَلُكَ لَذَّةَ النَّظَرِ إِلَى وَجْهِكَ، وَالشَّوْقَ إِلَى لِقائِكَ فِيْ غَيْرِ ضَرَّاءَ مُضِرَّةٍ، وَلاَ فِتْنَةٍ مُضِلَّةٍ، اللّٰهُمَّ زَيِّنَا بِزِيْنَةِ الإِيْمَانِ، وَاجْعَلْنَا هُدَاةً مُهْتَدِيْنَ 


    अल्लाहुम्मा बिइल्मिकल-गैबा व कुदरतिका अलल-खल्की' अहयिनी मा 'अलिमतल-हयाता ख़ैरन ली व तवफ्फनी इज़ा  'अलिमतल-वफ़ाता ख़ैरन ली, अल्लाहुम्मा' इन्नी 'अस-अलुका खशयतका फिल-गैबी वश-शहादती,

    व 'अस-अलुका कलिमतल-हक़्क़ी फिर-रिदा वल-गदबी, व 'अस-असलुकल-क़सदा फिल-गिना वल-फक़री, व 'अस-अलुका नईमन ला यनफदु, व 'अस-अलुका क़ुर्रता ऐनिन ला तनकतिउ, व 'अस- अलुकर-रिदा ब'दल-कदाइ,

    व अस-अलुका बर्दल ऐशि ब'दल-मौति, व 'अस-अलुका लज़्ज़तन-नज़रि इला वजहिका वश-शौका 'इला लिकाइका फी गैरि दर्रा'अ मुदिर्रतिन, व ला फितनतिन मुदिल्लतिन, अल्लाहुम्मा ज़य्यिना बिज़ीनतिल-ईमानी, वज'अलना हुदातम मुहतदीन।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, तेरे इल्म गैब(अनदेखे) और मखलूक पर तेरी कुदरत से, अगर तू जानता है कि जिंदगी मेरे लिए बेहतर है तो मुझे जिंदा रख और अगर तू जानता है की मौत मेरे लिए बेहतर है तो मुझे मौत दे दे।  ऐ अल्लाह, मैं तुझसे सवाल करता हूंँ कि मुझे ज़ाति तौर पर(तनहाई में) और आवामी तौर पर(लोगों के बीच में) तेरा खौफ अता कर।

    और मैं आपसे मुतमइन(खुशी) और गुस्से के वक्त भी सच्चे बोल की मांँग करता हूँ।  मैं आपसे अमीरी और गरीबी में ऐतदाल(हद मे रहने) की माँग करता हूँ। और मैं आपसे कभी ना रुकने वाली नेमतों(खुशियों) की मांँग करता हूँ और मैं आपसे कभी ना खत्म होने वाली आंखों की ठंडक(सुकून) की मांग करता हूँ, और मैं आपके फैसले के बाद इत्मीनान(संतुष्टि) की मांँग करता हूँ,

    और मैं आपसे मौत के बाद ठंडक वाली जिंदगी की मांँग करता हूंँ, और किसी नुकसानदेह मुसीबत और गुमराही वाले फितने के बिना मैं आपसे आपके चेहरे को देखने की खुशी और आपसे मिलने की आरज़ू तलब करता हूंँ।  ऐ अल्लाह, हमें ईमान की खूबसूरती से सजा दे और हमें हिदायत याफ्ता बना दे जो (सही) हिदायत पर हो।



    9. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ يَا أَللّٰهُ بِأَنَّكَ الْوَاحِدُ الْأَحَدُ الصَّمَدُ الَّذِيْ لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُوْلَدْ، وَلَمْ يَكنْ لَهُ كُفُوْاً أَحَدٌ، أَنْ تَغْفِرَ لِيْ ذُنُوْبِيْ إِنَّكَ أَنْتَ الْغَفُوْرُ الرَّحِّيْمُ 

    अल्लाहुम्मा इन्नी असअसुका या अल्लाहु बिअन्नकल-वाहिदुल-अहदुस-समदुल-लज़ी, लम यलिद व लम यूलद, व लम यकुन लहु कुफुवन अहद, अन तगफिरा ली ज़ुनूबी 'इन्नका अन्तल गफूरुर-रहीम।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, मैं तुझसे सवाल करता हूँ।  ऐ अल्लाह, आप एक, एकमात्र(अकेले), आत्मनिर्भर(बेनियाज़) मालिक हैं, जिसने ना किसी को जना और न ही पैदा हुआ और कोई भी उसके बराबर नहीं है, कि तू मेरे पापों(गुनाहों) को क्षमा(माफ) कर दे, बेशक तू बड़ा माफ करने वाला और रहम करने वाला है।



    10. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ بِأَنَّ لَكَ الْحَمْدَ لَا إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ وَحْدَكَ لاَ شَرِيْكَ لَكَ، الْمَنَّانُ، يَا بَدِيْعَ السَّمَوَاتِ وَالْأَرْضِ يَا ذَا الْجَلاَلِ وَالْإِكْرَامِ، يَا حَيُّ يَا قَيُّوْمُ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ الْجَنَّةَ وَأَعُوْذُ بِكَ مِنَ النَّارِ 

    अल्लाहुम्मा 'इन्नी' असअलुका बिअन्ना लकल-हमदा ला 'इलाहा' इल्ला' अंता वहदका ला शरीका लका, अल-मन्नानु, या बदीअस-समावाती वलअरधी या ज़ल-जलाली वल-'इकराम, या हय्यु या  कय्यूमु 'इन्नी' असअलुकल-जन्नता व 'अऊज़ु बिका मिनन-नार।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, मैं आपसे सवाल करता हूंँ, क्योंकि सारी तारीफें आप ही के लिए हैं, आपके सिवा और कोई इबादत के लायक नहीं है, और आपका कोई साथी नहीं है। आप सभी अच्छाइयों के दाता(देने वाले) हैं। ऐ आसमानों और जमीन के बनाने वाले अज़मत और इज्ज़त के मालिक। ऐ जिंदा और हमेशा बाकी रहने वाले , मैं आपसे आपकी जन्नत मांँगता हूंँ और जहन्नम से पनाह चाहता हूंँ।



    11. आखरी अत्तहियात के बाद और सलाम फेरने से पहले की दुआ 


    अरबी-

    اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ بِأَنِّيْ أَشْهَدُ أَنَّكَ أَنْتَ اللّٰهُ لاَ إِلَهَ إِلاَّ أَنْتَ الْأَحَدُ الصَّمَدُ الَّذِيْ لَمْ يَلِدْ وَلَمْ يُوْلَدْ وَلَمْ يَكُنْ لَهُ كُفُوْاً أَحَدٌ 

    अल्लाहुम्मा इन्नी' असअलुका बिअन्नी 'अश-हदु' अन्नका 'अन्तल्लाहु ला' इलाहा 'इल्ला' अंतल-'अहदुस-समदुल-लज़ी लम यलिद व लम यूलद व लम यकुन लहू कुफुवन 'अहद।


    हिंदी-

    ऐ अल्लाह, मैं आपसे सवाल करता हूँ, इस बात का कि मैं गवाही देता हूंँ कि आप अल्लाह हो और आपके सिवा और कोई इबादत के लायक नहीं है, आप एक, एकमात्र(अकेले), आत्मनिर्भर(बेनियाज़) मालिक हैं, जिसने ना किसी को जना और न ही पैदा हुआ और कोई भी उसके बराबर नहीं है।


    और अल्लाह बेहतर जानते हैं।


    अत्ताहयात हिंदी में...


    अत्ताहियात के बाद दरूदे इब्राहिम हिंदी में...


    Attahiyat ke baad ki dua in english...


    कुछ जरूरी किताबें

    Post a Comment

    0 Comments