अस्सलामुअलैकुम मेरे भाईयो और बहनों उम्मीद करता हूंँ सब खैरियत से होंगे आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि नमाज मे तशह्हुद या अत्तहिय्यात के बाद कौन-कौन सी दरूदे इब्राहिम पढ़ी जाती है।
1. पहली दरूदे इब्राहिम
अरबी-
اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ، وَعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ، وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ، اللّٰهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى آلِ مُحَمَّدٍ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيْمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ
अल्लाहुम्मा सल्लि 'अला मुहम्मदीन व' अला' आलि मुहम्मदीन, कमा सल्लयता 'अला' इब्राहीमा व 'अला' आली 'इब्राहीमा,' इन्नका हमीदुन मजीद। अल्लाहुम्मा बारिक 'अला मुहम्मदीन व' अला 'आली मुहम्मदीन, कमा बारकता' अला 'इब्राहीमा व' अला' आली 'इब्राहीमा,' इन्नाका हमीदुन मजीद।
हिंदी-
ऐ अल्लाह, मुहम्मद पर और मुहम्मद के आल(खानदान) पर अपना फज़ल व करम फरमा, जैसा कि आपने इब्राहिम पर और इब्राहिम के आल(खानदान) पर अपना फज़ल व करम फरमाया, बेशक आप काबिले तारीफ हैं, सबसे शानदार हैं। ऐ अल्लाह, मुहम्मद पर और मुहम्मद के आल(खानदान) पर बरकत नाजिल फरमा जैसा कि आपने इब्राहिम और इब्राहिम के आल(खानदान) पर बरकत नाजिल फरमाई, बेशक आप काबिले तारीफ हैं, सबसे शानदार हैं।
2. दूसरी दरूदे इब्राहिम
अरबी-
اللّٰهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى أَزْوَاجِهِ وَذُرِّيَّتِهِ، كَمَا صَلَّيْتَ عَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، وَبَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّعَلَى أَزْوَاجِهِ وَذُرِّيَّتِهِ، كَمَا بَارَكْتَ عَلَى آلِ إِبْرَاهِيْمَ، إِنَّكَ حَمِيْدٌ مَجِيْدٌ
अल्लाहुम्मा सल्लि अला मुहम्मदिन व अला अज़वाज़िही व ज़ुर्रिय्यातिहि, कमा सल्लयता अला आली इब्राहीमा। व बारिक अला मुहम्मदिन व अला अज़वाज़िही व ज़ुर्रिय्यातिहि, कमा बारकता अला आली इब्राहीमा। इन्नका हमीदुन मजीद।
हिंदी-
ऐ अल्लाह, मुहम्मद पर और उनकी बीवियों और औलादों पर अपना फज़ल व करम फरमा, जैसा कि आपने इब्राहिम के आल(खानदान) पर अपना फज़ल व करम फरमाया। और मुहम्मद पर और उनकी बीवियों और औलादों पर बरकत नाज़िल फरमा जैसा कि आपने इब्राहिम के आल(खानदान) पर बरकत नाजिल फरमाई, बेशक आप काबिले तारीफ हैं, सबसे शानदार हैं।
और अल्लाह बेहतर जानते हैं।
ऐ अल्लाह, मुहम्मद पर और उनकी बीवियों और औलादों पर अपना फज़ल व करम फरमा, जैसा कि आपने इब्राहिम के आल(खानदान) पर अपना फज़ल व करम फरमाया। और मुहम्मद पर और उनकी बीवियों और औलादों पर बरकत नाज़िल फरमा जैसा कि आपने इब्राहिम के आल(खानदान) पर बरकत नाजिल फरमाई, बेशक आप काबिले तारीफ हैं, सबसे शानदार हैं।
और अल्लाह बेहतर जानते हैं।
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