6. हदीस ए कुदसी || जिन लोगों के आमाल काम ना आए

 

6. हदीस ए कुदसी

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सहीह

अरबी:-

عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ، قَالَ: سَمِعْتُ رَسُولَ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ يَقُولُ:

إِنَّ أَوَّلَ النَّاسِ يُقْضَى يَوْمَ الْقِيَامَةِ عَلَيْهِ رَجُلٌ اسْتُشْهِدَ، فَأُتِيَ بِهِ فَعَرَّفَهُ نِعَمَهُ فَعَرَفَهَا، قَالَ: فَمَا عَمِلْتَ فِيهَا؟ قَالَ قَاتَلْتُ فِيكَ حَتَّى اسْتُشْهِدْتُ، قَالَ: كَذَبْتَ، وَلَكِنَّكَ قَاتَلْتَ لِأَنْ يُقَالَ: جَرِيءٌ، فَقَدْ قِيلَ، ثُمَّ أُمِرَ بِهِ فَسُحِبَ عَلَى وَجْهِهِ حَتَّى أُلْقِيَ فِي النَّارِ. وَرَجُلٌ تَعَلَّمَ الْعِلْمَ وَعَلَّمَهُ وَقَرَأَ الْقُرْآنَ، فَأُتِيَ بِهِ، فَعَرَّفَهُ نِعَمَهُ فَعَرَفَهَا، قَالَ: فَمَا عَمِلْتَ فِيهَا؟ قَالَ: تَعَلَّمْتُ الْعِلْمَ وَعَلَّمْتُهُ، وَقَرَأْتُ فِيكَ الْقُرْآنَ، قَالَ: كَذَبْتَ، وَلَكِنَّكَ تَعَلَّمْتَ الْعِلْمَ لِيُقَالَ: عَالِمٌ، وَقَرَأْتَ الْقُرْآنَ لِيُقَالَ: هُوَ قَارِئٌ، فَقَدْ قِيلَ، ثُمَّ أُمِرَ بِهِ، فَسُحِبَ عَلَى وَجْهِهِ حَتَّى أُلْقِيَ فِي النَّارِ. وَرَجُلٌ وَسَّعَ اللَّهُ عَلَيْهِ، وَأَعْطَاهُ مِنْ أَصْنَافِ الْمَالِ كُلِّهِ، فَأُتِيَ بِهِ، فَعَرَّفَهُ نِعَمَهُ فَعَرَفَهَا، قَالَ: فَمَا عَمِلْتَ فِيهَا؟ قَالَ: مَا تَرَكْتُ مِنْ سَبِيلٍ تُحِبُّ أَنْ يُنْفَقَ فِيهَا إِلَّا أَنْفَقْتُ فِيهَا لَكَ، قَالَ: كَذَبْتَ، وَلَكِنَّكَ فَعَلْتَ لِيُقَالَ: هُوَ جَوَادٌ، فَقَدْ قِيلَ، ثُمَّ أُمِرَ بِهِ فَسُحِبَ عَلَى وَجْهِهِ، ثُمَّ أُلْقِيَ فِي النَّارِ"

رواه مسلم (وكذلك الترمذي والنسائي)

हिंदी:-

अबू हुरैरा(रज़िअल्लाहु अन्हु) ने बयान किया, मैंने रसूल अल्लाह(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को यह कहते हुए सुना: कयामत के दिन जिन लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया जाएगा उनमें से पहला शख्स शहीद होगा। उसे लाया जाएगा और अल्लाह सुब्हानहु व तआला उसे अपने एहसान(जो उसपर किए होंगे) उनके बारे में बताएगा और वह उन्हें पहचान लेगा, तब अल्लाह सुब्हानहु व तआला कहेंगे: तुमने उनका क्या किया?  वह कहेगा: मैंने आपके लिए तब तक लड़ाई लड़ी जब तक मैं शहीद नहीं हो गया। तब अल्लाह सुब्हानहु व तआला कहेंगे: तुमने झूठ बोला - हांँ, तुमने किया था लेकिन इसलिए कि तुम्हारे बारे में यह कहा जाए, "वह बड़ा बहादुर था", और इसलिए ऐसा कहा भी गया।  तब उसे उसके चेहरे पर घसीटने का हुकुम दिया जाएगा जब तक कि उसे जहन्नम की आग में ना डाल दिया जाए।
एक और शख्स होगा जिसने दीनी इल्म लिया होगा और उसे पढ़ाया होगा और जो कुरान को पढ़ा करता था। उसे लाया जाएगा और अल्लाह सुब्हानहु व तआला उसे अपने एहसान(जो उसपर किए होंगे) उनके बारे में बताएगा और वह उन्हें पहचान लेगा। तब अल्लाह सुब्हानहु व तआला कहेंगे: और तुमने उनका क्या किया?  वह कहेगा: मैंने दीनी इल्म लिया और मैंने उसे पढ़ाया और मैंने आपकी खातिर कुरान को पढ़ा। अल्लाह सुब्हानहु व तआला कहेंगे: तुमने झूठ बोला - हांँ, तुमने दीनी इल्म लिया लेकिन इसलिए कि तुम्हारे बारे में यह कहा जाए,"वह बड़ा इल्म वाला था" और हांँ तुमने कुरान का पाठ किया लेकिन इसलिए कि तुम्हारे बारे में यह कहा जाए, "वह अच्छा पढ़ने वाला [कारी] था", और इसलिए ऐसा कहा गया।  तब उसे अपने चेहरे पर घसीटने का हुकुम दिया जाएगा जब तक कि उसे जहन्नम की आग में ना डाल दिया जाए।
एक और शख्स होगा जिसे अल्लाह सुब्हानहु व तआला ने अमीर बनाया होगा और जिसे अल्लाह ने हर तरह की दौलत से नवाजा होगा। उसे लाया जाएगा और अल्लाह सुब्हानहु व तआला उसे अपने एहसान(जो उसपर किए होंगे) उनके बारे में बताएगा और वह उन्हें पहचान लेगा। तब अल्लाह सुब्हानहु व तआला कहेंगे: और तुमने उनका क्या किया? वह कहेगा: मैंने आप की खातिर आपकी पसंद का ऐसा कोई रास्ता नहीं छोड़ा जिसमें अपना माल खर्च ना किया हो। अल्लाह सुब्हानहु व तआला कहेंगे: तुमने झूठ बोला - हांँ, तुमने किया था लेकिन इसलिए कि तुम्हारे बारे में यह कहा जाए, "वह बड़ा दरियादिल था", और इसलिए ऐसा कहा गया।  तब उसे उसके चेहरे पर घसीटने का हुकुम दिया जाएगा जब तक कि उसे जहन्नम की आग में ना डाल दिया जाए।

यह मुस्लिम और इसी तरह से त्रिमिज़ी और अन नसाई ने बयान की है।


और अल्लाह बेहतर जानते हैं।

  
 

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