[13] हदीस ए कुदसी || रसूल अल्लाह(ﷺ) की बड़ी नसीहत

 

[13] हदीस ए कुदसी | रसूल अल्लाह(ﷺ) की बड़ी नसीहत

सहीह

अरबी:-

عَنْ عَدِيَّ بْنَ حَاتِمٍ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ يَقُولُ:

كُنْتُ عِنْدَ رَسُولِ اللَّهِ، صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ، فَجَاءَهُ رَجُلَانِ: أَحَدُهُمَا يَشْكُو الْعَيْلَةَ(1)، وَالْآخَرُ يَشْكُو قَطْعَ السَّبِيلِ(2)، فَقَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ: أَمَّا قَطْعُ السَّبِيلِ فَإِنَّهُ لَا يَأْتِي عَلَيْكَ إِلَّا قَلِيلٌ، حَتَّى تَخْرُجَ الْعِيرُ إِلَى مَكَّةَ بِغَيْرِ خَفِيرٍ. وَأَمَّا الْعَيْلَةُ، فَإِنَّ السَّاعَةَ لَا تَقُومُ حَتَّى يَطُوفَ أَحَدُكُمْ بِصَدَقَتِهِ، لَا يَجِدُ مَنْ يَقْبَلُهَا مِنْهُ، ثُمَّ لَيَقِفَنَّ أَحَدُكُمْ بَيْنَ يَدَيْ اللَّهِ، لَيْسَ بَيْنَهُ وَبَيْنَهُ حِجَابٌ وَلَا تَرْجُمَانٌ يُتَرْجِمُ لَهُ، ثُمَّ لَيَقُولَنَّ لَهُ: أَلَمْ أُوتِكَ مَالًا؟ فَلَيَقُولَنَّ: بَلَى، ثُمَّ لَيَقُولَنَّ: أَلَمْ أُرْسِلْ إِلَيْكَ رَسُولًا؟ فَلَيَقُولَنَّ: بَلَى، فَيَنْظُرُ عَنْ يَمِينِهِ، فَلَا يَرَى إِلَّا النَّارَ، ثُمَّ يَنْظُرُ عَنْ شِمَالِهِ، فَلَا يَرَى إِلَّا النَّارَ، فَلْيَتَّقِيَنَّ أَحَدُكُمْ النَّارَ وَلَوْ بِشِقِّ تَمْرَةٍ، فَإِنْ لَمْ يَجِدْ فَبِكَلِمَةٍ طَيِّبَةٍ"

رواه البخاري

हिंदी:-

अदिय्य इब्न हातिम(रज़िअल्लाहु अन्हु) ने बयान किया कि मैं रसूल अल्लाह (ﷺ) के साथ था और उनके पास दो आदमी आए : उनमें से एक को बहुत गरीबी की शिकायत थी, जबकि दूसरे को डकैती की शिकायत थी। रसूल अल्लाह (ﷺ) ने फरमाया: अगर डकैती की बात करें तो बहुत जल्द ऐसा वक्त आने वाला है कि एक कारवां बिना किसी हिफाजत के मक्का से बाहर जा सकेगा। और रही बात गरीबी की तो वह घड़ी (कयामत) तब तक नहीं आएगी जब तक तुम में से एक अपना सदका-खैरात लेता फिरेगा लेकिन उसे लेने वाला कोई नहीं मिलेगा। तब तुम में से एक उस कयामत के दिन यकीनन अल्लाह के सामने खड़ा होगा और उसके और अल्लाह के बीच कोई आड़ (पर्दा) नहीं होगा और ना ही किसी ज़बान (भाषा) का तर्जुमा करने के लिए कोई तर्जुमान होगा तब अल्लाह(सुब्हानहु व तआला) कहेंगे-"क्या मैंने तुम्हें माल व दौलत से नहीं नवाजा" वह कहेगा-"हांँ", तब अल्लाह(सुब्हानहु व तआला) कहेंगे- "क्या मैंने तुम्हारे पास एक रसूल (पैगंबर) नहीं भेजा" वह कहेगा-"हाँ "और जब वह अपनी दाईं और देखेगा तो जहन्नम की आग के सिवा और कुछ नहीं पाएगा और जब वह अपनी बाई और देखेगा तो जहन्नम की आग के सिवा और कुछ नहीं पाएगा तो तुम में से हर एक शख्स को जहन्नम की आग से अपनी हिफाजत करनी चाहिए चाहे वह आधी खजूर से ही क्यों ना हो अगर उस पर वह भी ना हो तो अच्छे बोल से अपनी हिफाजत करे।


और अल्लाह बेहतर जानते हैं।

  
 

Post a Comment

0 Comments