[9] हदीस ए कुदसी || नमाज कायम करो

 

9. हदीस ए कुदसी

सहीह

अरबी:-

عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ رَضِيَ اللهُ عَنْهُ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ:

إِنَّ أَوَّلَ مَا يُحَاسَبُ بِهِ الْعَبْدُ يَوْمَ الْقِيَامَةِ مِنْ عَمَلِهِ صَلَاتُهُ. فَإِنْ صَلُحَتْ فَقَدْ أَفْلَحَ وَأَنْجَحَ، وَإِنْ فَسَدَتْ فَقَدْ خَابَ وَخَسِرَ، فَإِنْ انْتَقَصَ مِنْ فَرِيضَتِهِ شَيْءٌ، قَالَ الرَّبُّ عَزَّ وَجَلَّ: انْظُرُوا هَلْ لِعَبْدِي مِنْ تَطَوُّعٍ فَيُكَمَّلَ بِهَا مَا انْتَقَصَ مِنْ الْفَرِيضَةِ، ثُمَّ يَكُونُ سَائِرُ عَمَلِهِ عَلَى ذَلِكَ"

رواه الترمذي وكذلك أبو داود والنسائي وابن ماجه وأحمد

हिंदी:-

अबू हुरैरा(रज़िअल्लाहु अन्हु) ने बयान किया कि रसूल अल्लाह(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया:
अल्लाह(तबारक व तआला) कहते हैं:- उसके कर्मों(आमालों) में से पहला आमाल जिसके लिए अल्लाह का बंदा कयामत के दिन जवाबदेह होगा, वह उसकी नमाजें होंगी, अगर वह तरतीब में होगी तो वह खुशहाल और कामयाब होगा, और अगर उनमेंं कमी होगी, तो वह बर्बाद और नाकाम होगा। और अगर उसकी फर्ज नमाज़ो मेे कुुछ खराबी होगी, तो अल्लाह(सुब्हानहुु व तआला) कहेंगे कि क्या मेरे बंदे के पास कोई नफिल नमाजेें हैं जिसके साथ वह पूरा हो सकता है जो उसकी फर्ज नमाज़ो मे कमी है। फिर उसके बाकी आमाल उसी हिसाब से आंके जाएंगे।

यह त्रिमिज़ी और इसी तरह से, अबू दाऊद, अन नसाई, इब्न माजह और अहमद ने बयान की है।


और अल्लाह बेहतर जानते हैं।

  
 

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