So kar Uthne ki Dua || सो कर उठने की दुआ – सारी दुआएं

 अस्सलामुअलैकुम मेरे भाइयों और बहनों उम्मीद करता हूंँ सब खैरियत से होंगे, आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि सोकर उठने की दुआऐ कौन-कौन सी हैं।

    1. सो कर उठने की पहली दुआ

    so kar uthne ki dua in hindi, sokar uthne ki dua hindi mein, सो कर उठने की दुआ

    अरबी:-

    اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا، وَإِلَيْهِ النُّشُوْرُ
    अल्हम्दु'लिल्लाहिल्लजी'अहयाना 'बअदा' मा ' अमातना व 'इलैहिन्नुशूर।


    हिंदी:-

    सारी तारीफें अल्लाह ही के लिए है जिसने हमें मौत के बाद जिंदगी दी और उसी की ओर जीवित (जिंदा) होकर उठना है।


    2. सो कर उठने की दूसरी दुआ

    subah uthne ki dua,so kar uthne ki dua, सो कर उठने की दुआ

    अरबी:- 

    اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ عَافَانِيْ فِيْ جَسَدِي، وَرَدَّ عَلَيَّ رُوْحِي، وَأَذِنَ لِيْ بِذِكْرِهِ 
    अल्हम्दु'लिल्लाहिल्लजी 'आफानी फी जसदी' वरद्दा अलय्या रूही' व अजिना ली बिजिकरिही।

    हिंदी:-

    सारी तारीफें अल्लाह ही के लिए है जिसने मेरे शरीर को ताकत दी और मेरी रूह मुझे लौटा दी और मुझे उसका जिक्र करने की इजाज़त दी।

    3. आधी रात में उठने की दुआ

    रात में उठने की दुआ, raat me sokar uthne ki dua, adhi raat me uthne ki dua

    अल्लाह के नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया :- जो भी रात (बीच रात) में उठता है और कहता है -

    अरबी:-

    لاَ إِلَهَ إِلاَّ اللّٰهُ وَحْدَهُ لاَ شَرِيْكَ لَهُ، لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ، وَهُوَ عَلَى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ، سُبْحَانَ اللّٰهِ، وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ، وَلاَ إِلَهَ إِلاَّ اللّٰهُ، وَاللّٰهُ أَكْبَرُ، وَلاَ حَوْلَ وَلاَ قُوَّةَ إِلاَّ بِاللّٰهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيْمِ، 
    ला इलाहा' इल्लल्लाहु वहदहु' ला शरीका लहु, लहुल-मुलकु 'व' लहुल-हम्दू, व हुवा'अला कुल्ली क्षय इन कदीर, सुबहान अल्लाही, वल्हम्दु लिल्लाही, व' ला' इलाहा इल्लल्लाहु, वल्लाहू अकबर  व' ला हौला  व' ला कुव्वता  इल्ला बिल्लाहिल अलीय्यिल अजीम।

    हिंदी:-

    अल्लाह के सिवा और कोई खुदा (माबूद) नहीं, वह अकेला है उसका कोई साथी नहीं, सारी बादशाहत उसी की है और उसी के लिए ही है सारी तारीफें, और वह हर चीज पर कुदरत (ताकत) रखता है; 
    अल्लाह पाक है, तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं,अल्लाह के सिवा और कोई खुदा (माबूद) नहीं, अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह के सिवा कोई कुवत कोई ताकत नहीं जो सबसे ऊंँचा सबसे महान है।

    और फिर दुआ करता है -

    رَبِّ اغْفِرْ لِيْ 
    रब्बीग फिर ली।

    ऐ मेरे रब मुझे माफ कर दे।

    तो जो भी यह कहता है उसकी मगफिरत कर दी जाती है और अगर फिर वह सवाल करता है तो उसका जवाब दिया जाता है, और फिर अगर वह वजू करके नमाज पढ़ता है तो उसकी नमाज़ कबूल की जाती है।

    4. सूरह अल इमरान, आयत 190-200

    आयत 190 से
    इन्ना फी खलकिस-समावाती वल'अर्धी वख्तिलाफिल-लैली वन्नहारी ल'आयातिल-लि' ऊलील-'अलबाब।
    सूरह अल इमरान की आखरी आयत 200 तक।

    यह आयतें नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अकसर आधी रात को उठकर पढ़ा करते थे।

    और अल्लाह बेहतर जानने वाला हिकमत वाला है,

    और आखिरकार यही कहना चाहूंँगा कि अल्लाह हमें हिदायत दे।😊

    आमीन...



    कुछ जरूरी किताबें


    Post a Comment

    0 Comments