[13] Masjid mein dakhil hone aur nikalne ki dua || मस्जिद में दाखिल होने और निकलने की दुआ – सारी दुआएं

 अस्सलामुअलैकुम मेरे भाइयों और बहनों उम्मीद करता हूंँ सब खैरियत से होंगे, आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि मस्जिद जाने, मस्जिद में दाखिल होने और मस्जिद से निकलने की दुआएं कौन कौन सी हैंं।

    1. Masjid mein dakhil hone ki dua | मस्जिद में दाख़िल होने की दुआ 

    Masjid mein dakhil hone ki dua, masjid me dakhil hone ki dua in hindi

    अरबी:- 

    أَعوذُ باللهِ العَظيـم وَبِوَجْهِـهِ الكَرِيـم وَسُلْطـانِه القَديـم مِنَ الشّيْـطانِ الرَّجـيم، [ بِسْـمِ الله، وَالصَّلاةُ وَالسَّلامُ عَلى رَسولِ الله]، اللّهُـمَّ افْتَـحْ لي أَبْوابَ رَحْمَتـِك

    अऊज़ु बिल्लाहिल अज़ीम' व बिवजहिह़िल करीम' व सुल्तानिहिल क़दीम' मिनश् शैतानिर् रजीम। [बिस्मिल्लाही, वस्सलातु वस्सलामू 'अला रसूलिल्लाही।] अल्लाहुम्मफ-तहली 'अबवाबा रहमतिका।


    हिंदी:-

    मैं अल्लाह जो अज़ीम (सबसे ताकतवर) है, शानदार चेहरे वाला है, और लंबे समय से सल्तनत (सत्ता) का मालिक है, उसकी पनाह शैतान मलऊन (शापित) से चाहता हूंँ। [अल्लाह के नाम पर, और सलामती और बरकते अल्लाह के रसूल पर हो।] ऐ अल्लाह, मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाज़े खोल दे।



    2. Masjid se nikalne ki dua | मस्जिद से निकलने की दुआ 

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    अरबी:- 

    بِسْمِ اللّٰهِ وَالصّلَاةُ وَالسَّلَامُ عَلَى رَسُوْلِ اللّٰهِ، اللّٰهُمَّ إِنِّيْ أَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِك، اللّٰهُمَّ اعْصِمْنِيْ مِنَ الشَّيْطَانِ الرَّجِيْمِ 

    बिस्मिल्लाह वस्सलातु वस्सलामु अला रसूलिल्लाह, अल्लाहुम्मा इन्नी अस्अलुका मिन् फध्लिक, अल्लाहुम्मा अअ्सिम्नी मिनश् -शैतानिर्-रजीम।


    हिंदी:-

    अल्लाह के नाम पर, और सलामती और बरकते अल्लाह के रसूल पर हो, या अल्लाह मैं आपसे आपकी इनायत (एहसान) का सवाल करता हूँँ, ऐ अल्लाह शैतान मलऊन (शापित) से मेरी हिफाज़त फरमा।


    3. Masjid jane ki dua | मस्जिद जाने की दुआ 

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    अरबी:- 

    اللّهُـمَّ اجْعَـلْ فِي قَلْبـي نُوراً ، وَفي لِسَـانِي نُوراً، وَفِي سَمْعِي نُوراً, وَفِي بَصَرِيِ نُوراً, وَمِنْ فََوْقِي نُوراً , وَ مِنْ تَحْتِي نُوراً, وَ عَنْ يَمِينيِ نُوراَ, وعَنْ شِمَالِي نُوراً, وَمْن أَماَمِي نُوراً, وَمِنْ خَلْفيِ نُوراَ, واجْعَلْ فِي نَفْسِي نُوراً, وأَعْظِمْ لِي نُوراً, وَعظِّمْ لِي نُوراً, وَاجْعَلْ لِي نُوراً, واجْعَلنِي نُوراً, أللَّهُمَّ أَعْطِنِي نُوراً, واجْعَلْ فِي عَصَبِي نُوراً, وَفِي لَحْمِي نُوراً, وَفِي دَمِي نُوراً وَفِي شَعْرِي نُوراً, وفِي بَشَرِي نُوراً (أَللَّهُمَّ اجِعَلْ لِي نُوراً فِي قّبْرِي وَ نُوراَ فِي عِظاَمِي) (وَزِدْنِي نُوراً, وَزِدْنِي نُوراَ , وَزِدْنِي نُوراً) (وَهَبْ لِي نُوراً عَلَى نُوراً )

    अल्लाहुम्मज'अल फ़ी कल्बी नूरन, व फ़ी लिसानी नूरन, व फ़ी सम्ई नूरन, व फ़ी बसरी नूरन, व मिन फ़ौकी नूरन, व मिन तह्ती नूरन, व 'अन यमीनी नूरन, व 'अन शिमाली नूरन, व मिन अमामी  नूरन, व मिन खल्फी नूरन, वज'अल् फी नफ्सी नूरन, व 'आज़िम ली नूरन, व 'अज़्ज़म ली नूरन, वज'अल् ली नूरन, वज'अल् नी नूरन, अल्लाहुम्मा 'आतीनी नूरन, वज'अल् फी असबी नूरन, व फ़ी लहमी नूरन, व फ़ी दमी नूरन, व फ़ी शा'री नूरन, व फ़ी बशरी नूरन। [अल्लाहुम्मज'अल ली नूरन फ़ी क़ब्री व नूरन फ़ी इज़ामी।] [व ज़िदनी नूरन, व ज़िदनी नूरन, व ज़िदनी नूरन।] [व हब ली नूरन अला नूर।]


    हिंदी:-

    ऐ अल्लाह, मेरे दिल में रोशनी रख, और मेरी ज़बान पर रोशनी, और मेरे कानों में रोशनी और मेरी नज़रों में रोशनी, और मेरे ऊपर रोशनी, और मेरे नीचे रोशनी, और मेरे दाएँ रोशनी, और मेरे बाएँ रोशनी, और मेरे आगे रोशनी, और मेरे पीछे रोशनी, और मैरी रुह में रोशनी रख। और मेरे लिए रोशनी बढ़ाओ, और मेरे लिए रोशनी फैलाओ, और मेरे लिए रोशनी करो और मुझे रोशन करो। ऐ अल्लाह, मुझे रोशनी अता करो, और मेरी नसों में रोशनी डालो, और मेरे शरीर में रोशनी और मेरे खून में रोशनी और मेरे बालों में रोशनी और मेरी खाल में रोशनी। [ऐ अल्लाह, मेरे लिए मेरी कब्र में रोशनी रख और मेरी हड्डियों में रोशनी।] [मुझे रोशनी में बढ़ाओ, मुझे रोशनी में बढ़ाओ, मुझे रोशनी में बढ़ाओ।] [मुझे रोशनी पर रोशनी दो।]


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